18مَن كانَ يُريدُ العاجِلَةَ عَجَّلنا لَهُ فيها ما نَشاءُ لِمَن نُريدُ ثُمَّ جَعَلنا لَهُ جَهَنَّمَ يَصلاها مَذمومًا مَدحورًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो कोई शीघ्र प्राप्त, होनेवाली को चाहता है उसके लिए हम उसी में जो कुछ किसी के लिए चाहते है शीघ्र प्रदान कर देते है। फिर उसके लिए हमने जहन्नम तैयार कर रखा है जिसमें वह अपयशग्रस्त और ठुकराया हुआ प्रवेश करेगा