13وَكُلَّ إِنسانٍ أَلزَمناهُ طائِرَهُ في عُنُقِهِ ۖ وَنُخرِجُ لَهُ يَومَ القِيامَةِ كِتابًا يَلقاهُ مَنشورًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने हर आदमी के नामए अमल को उसके गले का हार बना दिया है (कि उसकी किस्मत उसके साथ रहे) और क़यामत के दिन हम उसे उसके सामने निकल के रख देगें कि वह उसको एक खुली हुई किताब अपने रुबरु पाएगा