11وَيَدعُ الإِنسانُ بِالشَّرِّ دُعاءَهُ بِالخَيرِ ۖ وَكانَ الإِنسانُ عَجولًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदमनुष्य उस प्रकार बुराई माँगता है जिस प्रकार उसकी प्रार्थना भलाई के लिए होनी चाहिए। मनुष्य है ही बड़ा उतावला!