77وَلِلَّهِ غَيبُ السَّماواتِ وَالأَرضِ ۚ وَما أَمرُ السّاعَةِ إِلّا كَلَمحِ البَصَرِ أَو هُوَ أَقرَبُ ۚ إِنَّ اللَّهَ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ قَديرٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर सारे आसमान व ज़मीन की ग़ैब की बातें ख़ुदा ही के लिए मख़सूस हैं और ख़ुदा क़यामत का वाकेए होना तो ऐसा है जैसे पलक का झपकना बल्कि इससे भी जल्दी बेशक ख़ुदा हर चीज़ पर क़ुदरत कामेला रखता है