71وَاللَّهُ فَضَّلَ بَعضَكُم عَلىٰ بَعضٍ فِي الرِّزقِ ۚ فَمَا الَّذينَ فُضِّلوا بِرادّي رِزقِهِم عَلىٰ ما مَلَكَت أَيمانُهُم فَهُم فيهِ سَواءٌ ۚ أَفَبِنِعمَةِ اللَّهِ يَجحَدونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर अल्लाह ने तुममें से किसी को किसी पर रोज़ी में बड़ाई दी है। किन्तु जिनको बड़ाई दी गई है वे ऐसे नहीं है कि अपनी रोज़ी उनकी ओर फेर दिया करते हों, जो उनके क़ब्ज़े में है कि वे सब इसमें बराबर हो जाएँ। फिर क्या अल्लाह के अनुग्रह का उन्हें इनकार है?