59يَتَوارىٰ مِنَ القَومِ مِن سوءِ ما بُشِّرَ بِهِ ۚ أَيُمسِكُهُ عَلىٰ هونٍ أَم يَدُسُّهُ فِي التُّرابِ ۗ أَلا ساءَ ما يَحكُمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो शुभ सूचना उसे दी गई वह (उसकी दृष्टि में) ऐसी बुराई की बात हुई जो उसके कारण वह लोगों से छिपता फिरता है कि अपमान सहन करके उसे रहने दे या उसे मिट्टी में दबा दे। देखो, कितना बुरा फ़ैसला है जो वे करते है!