56وَيَجعَلونَ لِما لا يَعلَمونَ نَصيبًا مِمّا رَزَقناهُم ۗ تَاللَّهِ لَتُسأَلُنَّ عَمّا كُنتُم تَفتَرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने जो रोज़ी उनको दी है उसमें से ये लोग उन बुतों का हिस्सा भी क़रार देते है जिनकी हक़ीकत नहीं जानते तो ख़ुदा की (अपनी) क़िस्म जो इफ़तेरा परदाज़ियाँ तुम करते थे (क़यामत में) उनकी बाज़पुर्स (पूछ गछ) तुम से ज़रुर की जाएगी