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Sura 16
Aya 31
31
جَنّاتُ عَدنٍ يَدخُلونَها تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ ۖ لَهُم فيها ما يَشاءونَ ۚ كَذٰلِكَ يَجزِي اللَّهُ المُتَّقينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

सदैव रहने के बाग़ जिनमें वे प्रवेश करेंगे, उनके नीचे नहरें बह रहीं होंगी, उनके लिए वहाँ वह सब कुछ संचित होगा, जो वे चाहे। अल्लाह डर रखनेवालों को ऐसा ही प्रतिदान प्रदान करता है