21أَمواتٌ غَيرُ أَحياءٍ ۖ وَما يَشعُرونَ أَيّانَ يُبعَثونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदमृत है, जिनमें प्राण नहीं। उन्हें मालूम नहीं कि वे कब उठाए जाएँगे