2يُنَزِّلُ المَلائِكَةَ بِالرّوحِ مِن أَمرِهِ عَلىٰ مَن يَشاءُ مِن عِبادِهِ أَن أَنذِروا أَنَّهُ لا إِلٰهَ إِلّا أَنا فَاتَّقونِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवह फ़रिश्तों को अपने हुक्म की रूह (वह्यल) के साथ अपने जिस बन्दे पर चाहता है उतारता है कि "सचेत कर दो, मेरे सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। अतः तुम मेरा ही डर रखो।"