18وَإِن تَعُدّوا نِعمَةَ اللَّهِ لا تُحصوها ۗ إِنَّ اللَّهَ لَغَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यदि तुम अल्लाह की नेमतों (कृपादानों) को गिनना चाहो तो उन्हें पूर्ण-रूप से गिन नहीं सकते। निस्संदेह अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है