126وَإِن عاقَبتُم فَعاقِبوا بِمِثلِ ما عوقِبتُم بِهِ ۖ وَلَئِن صَبَرتُم لَهُوَ خَيرٌ لِلصّابِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यदि तुम बदला लो तो उतना ही जितना तुम्हें कष्ट पहुँचा हो, किन्तु यदि तुम सब्र करो तो निश्चय ही यह सब्र करनेवालों के लिए ज़्यादा अच्छा है