116وَلا تَقولوا لِما تَصِفُ أَلسِنَتُكُمُ الكَذِبَ هٰذا حَلالٌ وَهٰذا حَرامٌ لِتَفتَروا عَلَى اللَّهِ الكَذِبَ ۚ إِنَّ الَّذينَ يَفتَرونَ عَلَى اللَّهِ الكَذِبَ لا يُفلِحونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर झूट मूट जो कुछ तुम्हारी ज़बान पर आए (बे समझे बूझे) न कह बैठा करों कि ये हलाल है और हराम है ताकि इसकी बदौलत ख़ुदा पर झूठ बोहतान बाँधने लगो इसमें शक़ नहीं कि जो लोग ख़ुदा पर झूठ बोहतान बाधते हैं वह कभी कामयाब न होगें