48لا يَمَسُّهُم فيها نَصَبٌ وَما هُم مِنها بِمُخرَجينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउन्हें वहाँ न तो कोई थकान और तकलीफ़ पहुँचेगी औऱ न वे वहाँ से कभी निकाले ही जाएँगे