47وَنَزَعنا ما في صُدورِهِم مِن غِلٍّ إِخوانًا عَلىٰ سُرُرٍ مُتَقابِلينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनके सीनों में जो मन-मुटाव होगा उसे हम दूर कर देंगे। वे भाई-भाई बनकर आमने-सामने तख़्तों पर होंगे