47وَنَزَعنا ما في صُدورِهِم مِن غِلٍّ إِخوانًا عَلىٰ سُرُرٍ مُتَقابِلينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (दुनिया की तकलीफों से) जो कुछ उनके दिल में रंज था उसको भी हम निकाल देगें और ये बाहम एक दूसरे के आमने सामने तख्तों पर इस तरह बैठे होगें जैसे भाई भाई