33قالَ لَم أَكُن لِأَسجُدَ لِبَشَرٍ خَلَقتَهُ مِن صَلصالٍ مِن حَمَإٍ مَسنونٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीवह (ढिठाई से) कहने लगा मैं ऐसा गया गुज़रा तो हूँ नहीं कि ऐसे आदमी को सजदा कर बैठूँ जिसे तूने सड़ी हुई खन खन बोलने वाली मिट्टी से पैदा किया है