22وَأَرسَلنَا الرِّياحَ لَواقِحَ فَأَنزَلنا مِنَ السَّماءِ ماءً فَأَسقَيناكُموهُ وَما أَنتُم لَهُ بِخازِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहम ही वर्षा लानेवाली हवाओं को भेजते है। फिर आकाश से पानी बरसाते है और उससे तुम्हें सिंचित करते है। उसके ख़जानादार तुम नहीं हो