14وَلَو فَتَحنا عَلَيهِم بابًا مِنَ السَّماءِ فَظَلّوا فيهِ يَعرُجونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अगर हम अपनी कुदरत से आसमान का एक दरवाज़ा भी खोल दें और ये लोग दिन दहाड़े उस दरवाज़े से (आसमान पर) चढ़ भी जाएँ