48يَومَ تُبَدَّلُ الأَرضُ غَيرَ الأَرضِ وَالسَّماواتُ ۖ وَبَرَزوا لِلَّهِ الواحِدِ القَهّارِफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(मगर कब) जिस दिन ये ज़मीन बदलकर दूसरी ज़मीन कर दी जाएगी और (इसी तरह) आसमान (भी बदल दिए जाएँगें) और सब लोग यकता क़हार (ज़बरदस्त) ख़ुदा के रुबरु (अपनी अपनी जगह से) निकल खड़े होगें