45وَسَكَنتُم في مَساكِنِ الَّذينَ ظَلَموا أَنفُسَهُم وَتَبَيَّنَ لَكُم كَيفَ فَعَلنا بِهِم وَضَرَبنا لَكُمُ الأَمثالَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(और क्या तुम वह लोग नहीं कि) जिन लोगों ने (हमारी नाफ़रमानी करके) आप अपने ऊपर जुल्म किया उन्हीं के घरों में तुम भी रहे हालॉकि तुम पर ये भी ज़ाहिर हो चुका था कि हमने उनके साथ क्या (बरताओ) किया और हमने (तुम्हारे समझाने के वास्ते) मसले भी बयान कर दी थीं