38رَبَّنا إِنَّكَ تَعلَمُ ما نُخفي وَما نُعلِنُ ۗ وَما يَخفىٰ عَلَى اللَّهِ مِن شَيءٍ فِي الأَرضِ وَلا فِي السَّماءِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ हमारे पालने वाले जो कुछ हम छिपाते हैं और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं तू (सबसे) खूब वाक़िफ है और ख़ुदा से तो कोई चीज़ छिपी नहीं (न) ज़मीन में और न आसमान में उस ख़ुदा का (लाख लाख) शुक्र है