3الَّذينَ يَستَحِبّونَ الحَياةَ الدُّنيا عَلَى الآخِرَةِ وَيَصُدّونَ عَن سَبيلِ اللَّهِ وَيَبغونَها عِوَجًا ۚ أُولٰئِكَ في ضَلالٍ بَعيدٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो आख़िरत की अपेक्षा सांसारिक जीवन को प्राथमिकता देते है और अल्लाह के मार्ग से रोकते है और उसमें टेढ़ पैदा करना चाहते है, वही परले दरजे की गुमराही में पड़े है