28۞ أَلَم تَرَ إِلَى الَّذينَ بَدَّلوا نِعمَتَ اللَّهِ كُفرًا وَأَحَلّوا قَومَهُم دارَ البَوارِफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) क्या तुमने उन लोगों के हाल पर ग़ौर नहीं किया जिन्होंने मेरे एहसान के बदले नाशुक्री की एख्तियार की और अपनी क़ौम को हलाकत के घरवाहे (जहन्नुम) में झोंक दिया