18مَثَلُ الَّذينَ كَفَروا بِرَبِّهِم ۖ أَعمالُهُم كَرَمادٍ اشتَدَّت بِهِ الرّيحُ في يَومٍ عاصِفٍ ۖ لا يَقدِرونَ مِمّا كَسَبوا عَلىٰ شَيءٍ ۚ ذٰلِكَ هُوَ الضَّلالُ البَعيدُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिन लोगों ने अपने रब का इनकार किया उनकी मिसाल यह है कि उनके कर्म जैसे राख हों जिसपर आँधी के दिन प्रचंड हवा का झोंका चले। कुछ भी उन्हें अपनी कमाई में से हाथ न आ सकेगा। यही परले दर्जे की तबाही और गुमराही है