17يَتَجَرَّعُهُ وَلا يَكادُ يُسيغُهُ وَيَأتيهِ المَوتُ مِن كُلِّ مَكانٍ وَما هُوَ بِمَيِّتٍ ۖ وَمِن وَرائِهِ عَذابٌ غَليظٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिसे वह कठिनाई से घूँट-घूँट करके पिएगा और ऐसा नहीं लगेगा कि वह आसानी से उसे उतार सकता है, और मृत्यु उसपर हर ओर से चली आती होगी, फिर भी वह मरेगा नहीं। और उसके सामने कठोर यातना होगी