17يَتَجَرَّعُهُ وَلا يَكادُ يُسيغُهُ وَيَأتيهِ المَوتُ مِن كُلِّ مَكانٍ وَما هُوَ بِمَيِّتٍ ۖ وَمِن وَرائِهِ عَذابٌ غَليظٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ज़बरदस्ती) उसे घूँट घँट करके पीना पड़ेगा और उसे हलक़ से आसानी से न उतार सकेगा और (वह मुसीबत है कि) उसे हर तरफ से मौत ही मौत आती दिखाई देती है हालॉकि वह मारे न मर सकेगा-और फिर उसके पीछे अज़ाब सख्त होगा