40وَإِن ما نُرِيَنَّكَ بَعضَ الَّذي نَعِدُهُم أَو نَتَوَفَّيَنَّكَ فَإِنَّما عَلَيكَ البَلاغُ وَعَلَينَا الحِسابُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहम जो वादा उनसे कर रहे है चाहे उसमें से कुछ हम तुम्हें दिखा दें, या तुम्हें उठा लें। तुम्हारा दायित्व तो बस सन्देश का पहुँचा देना ही है, हिसाब लेना तो हमारे ज़िम्मे है