39يَمحُو اللَّهُ ما يَشاءُ وَيُثبِتُ ۖ وَعِندَهُ أُمُّ الكِتابِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअल्लाह जो कुछ चाहता है मिटा देता है। इसी तरह वह क़ायम भी रखता है। मूल किताब तो स्वयं उसी के पास है