34لَهُم عَذابٌ فِي الحَياةِ الدُّنيا ۖ وَلَعَذابُ الآخِرَةِ أَشَقُّ ۖ وَما لَهُم مِنَ اللَّهِ مِن واقٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनके लिए सांसारिक जीवन में भी यातना, तो वह अत्यन्त कठोर है। औऱ कोई भी तो नहीं जो उन्हें अल्लाह से बचानेवाला हो