قُل مَن رَبُّ السَّماواتِ وَالأَرضِ قُلِ اللَّهُ ۚ قُل أَفَاتَّخَذتُم مِن دونِهِ أَولِياءَ لا يَملِكونَ لِأَنفُسِهِم نَفعًا وَلا ضَرًّا ۚ قُل هَل يَستَوِي الأَعمىٰ وَالبَصيرُ أَم هَل تَستَوِي الظُّلُماتُ وَالنّورُ ۗ أَم جَعَلوا لِلَّهِ شُرَكاءَ خَلَقوا كَخَلقِهِ فَتَشابَهَ الخَلقُ عَلَيهِم ۚ قُلِ اللَّهُ خالِقُ كُلِّ شَيءٍ وَهُوَ الواحِدُ القَهّارُ
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि (आख़िर) आसमान और ज़मीन का परवरदिगार कौन है (ये क्या जवाब देगें) तुम कह दो कि अल्लाह है (ये भी कह दो कि क्या तुमने उसके सिवा दूसरे कारसाज़ बना रखे हैं जो अपने लिए आप न तो नफे पर क़ाबू रखते हैं न ज़रर (नुकसान) पर (ये भी तो) पूछो कि भला (कहीं) अन्धा और ऑंखों वाला बराबर हो सकता है (हरगिज़ नहीं) (या कहीं) अंधेरा और उजाला बराबर हो सकता है (हरगिज़ नहीं) इन लोगों ने ख़ुदा के कुछ शरीक़ ठहरा रखे हैं क्या उन्होनें ख़ुदा ही की सी मख़लूक़ पैदा कर रखी है जिनके सबब मख़लूकात उन पर मुशतबा हो गई है (और उनकी खुदाई के क़ायल हो गए) तुम कह दो कि ख़ुदा ही हर चीज़ का पैदा करने वाला और वही यकता और सिपर (सब पर) ग़ालिब है