94وَلَمّا فَصَلَتِ العيرُ قالَ أَبوهُم إِنّي لَأَجِدُ ريحَ يوسُفَ ۖ لَولا أَن تُفَنِّدونِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो ही ये काफ़िला मिस्र से चला था कि उन लोगों के वालिद (याक़ूब) ने कहा दिया था कि अगर मुझे सठिया या हुआ न कहो तो बात कहूँ कि मुझे यूसुफ की बू मालूम हो रही है