87يا بَنِيَّ اذهَبوا فَتَحَسَّسوا مِن يوسُفَ وَأَخيهِ وَلا تَيأَسوا مِن رَوحِ اللَّهِ ۖ إِنَّهُ لا يَيأَسُ مِن رَوحِ اللَّهِ إِلَّا القَومُ الكافِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ मेरी फरज़न्द (एक बार फिर मिस्र) जाओ और यूसुफ और उसके भाई को (जिस तरह बने) ढूँढ के ले आओ और ख़ुदा की रहमत से ना उम्मीद न हो क्योंकि ख़ुदा की रहमत से काफिर लोगो के सिवा और कोई ना उम्मीद नहीं हुआ करता