84وَتَوَلّىٰ عَنهُم وَقالَ يا أَسَفىٰ عَلىٰ يوسُفَ وَابيَضَّت عَيناهُ مِنَ الحُزنِ فَهُوَ كَظيمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर याक़ूब ने उन लोगों की तरफ से मुँह फेर लिया और (रोकर) कहने लगे हाए अफसोस यूसुफ पर और (इस क़दर रोए कि) उनकी ऑंखें सदमे से सफेद हो गई वह तो बड़े रंज के ज़ाबित (झेलने वाले) थे