70فَلَمّا جَهَّزَهُم بِجَهازِهِم جَعَلَ السِّقايَةَ في رَحلِ أَخيهِ ثُمَّ أَذَّنَ مُؤَذِّنٌ أَيَّتُهَا العيرُ إِنَّكُم لَسارِقونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिर जब यूसुफ ने उन का साज़ो सामान सफर ग़ल्ला (वग़ैरह) दुरुस्त करा दिया तो अपने भाई के असबाब में पानी पीने का कटोरा (यूसुफ के इशारे) से रखवा दिया फिर एक मुनादी ललकार के बोला कि ऐ क़ाफ़िले वालों (हो न हो) यक़ीनन तुम्ही लोग ज़रुर चोर हो