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Sura 12
Aya 67
67
وَقالَ يا بَنِيَّ لا تَدخُلوا مِن بابٍ واحِدٍ وَادخُلوا مِن أَبوابٍ مُتَفَرِّقَةٍ ۖ وَما أُغني عَنكُم مِنَ اللَّهِ مِن شَيءٍ ۖ إِنِ الحُكمُ إِلّا لِلَّهِ ۖ عَلَيهِ تَوَكَّلتُ ۖ وَعَلَيهِ فَليَتَوَكَّلِ المُتَوَكِّلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसने यह भी कहा, "ऐ मेरे बेटो! एक द्वार से प्रवेश न करना, बल्कि विभिन्न द्वारों से प्रवेश करना यद्यपि मैं अल्लाह के मुक़ाबले में तुम्हारे काम नहीं आ सकता आदेश तो बस अल्लाह ही का चलता है। उसी पर मैंने भरोसा किया और भरोसा करनेवालों को उसी पर भरोसा करना चाहिए।"