You are here: Home » Chapter 12 » Verse 50 » Translation
Sura 12
Aya 50
50
وَقالَ المَلِكُ ائتوني بِهِ ۖ فَلَمّا جاءَهُ الرَّسولُ قالَ ارجِع إِلىٰ رَبِّكَ فَاسأَلهُ ما بالُ النِّسوَةِ اللّاتي قَطَّعنَ أَيدِيَهُنَّ ۚ إِنَّ رَبّي بِكَيدِهِنَّ عَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ये ताबीर सुनते ही) बादशाह ने हुक्म दिया कि यूसुफ को मेरे हुज़ूर में तो ले आओ फिर जब (शाही) चौबदार (ये हुक्म लेकर) यूसुफ के पास आया तो युसूफ ने कहा कि तुम अपनी सरकार के पास पलट जाओ और उनसे पूछो कि (आप को) कुछ उन औरतों का हाल भी मालूम है जिन्होने (मुझे देख कर) अपने अपने हाथ काट डाले थे कि या मैं उनका तालिब था