44قالوا أَضغاثُ أَحلامٍ ۖ وَما نَحنُ بِتَأويلِ الأَحلامِ بِعالِمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीउन लोगों ने अर्ज़ की कि ये तो (कुछ) ख्वाब परेशॉ (सा) है और हम लोग ऐसे ख्वाब (परेशॉ) की ताबीर तो नहीं जानते हैं