42وَقالَ لِلَّذي ظَنَّ أَنَّهُ ناجٍ مِنهُمَا اذكُرني عِندَ رَبِّكَ فَأَنساهُ الشَّيطانُ ذِكرَ رَبِّهِ فَلَبِثَ فِي السِّجنِ بِضعَ سِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउन दोनों में से जिसके विषय में उसने समझा था कि वह रिहा हो जाएगा, उससे कहा, "अपने स्वामी से मेरी चर्चा करना।" किन्तु शैतान ने अपने स्वामी से उसकी चर्चा करना भुलवा दिया। अतः वह (यूसुफ़) कई वर्ष तक कारागार ही में रहा