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Sura 12
Aya 23
23
وَراوَدَتهُ الَّتي هُوَ في بَيتِها عَن نَفسِهِ وَغَلَّقَتِ الأَبوابَ وَقالَت هَيتَ لَكَ ۚ قالَ مَعاذَ اللَّهِ ۖ إِنَّهُ رَبّي أَحسَنَ مَثوايَ ۖ إِنَّهُ لا يُفلِحُ الظّالِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जिस औरत ज़ुलेखा के घर में यूसुफ रहते थे उसने अपने (नाजायज़) मतलब हासिल करने के लिए ख़ुद उनसे आरज़ू की और सब दरवाज़े बन्द कर दिए और (बे ताना) कहने लगी लो आओ यूसुफ ने कहा माज़अल्लाह वह (तुम्हारे मियाँ) मेरा मालिक हैं उन्होंने मुझे अच्छी तरह रखा है मै ऐसा ज़ुल्म क्यों कर सकता हूँ बेशक ऐसा ज़ुल्म करने वाले फलाह नहीं पाते