20وَشَرَوهُ بِثَمَنٍ بَخسٍ دَراهِمَ مَعدودَةٍ وَكانوا فيهِ مِنَ الزّاهِدينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(जब यूसुफ के भाइयों को ख़बर लगी तो आ पहुँचे और उनको अपना ग़ुलाम बताया और उन लोगों ने यूसुफ को गिनती के खोटे चन्द दरहम (बहुत थोड़े दाम पर बेच डाला) और वह लोग तो यूसुफ से बेज़ार हो ही रहे थे