95كَأَن لَم يَغنَوا فيها ۗ أَلا بُعدًا لِمَديَنَ كَما بَعِدَت ثَمودُफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(और वह ऐसे मर मिटे) कि गोया उन बस्तियों में कभी बसे ही न थे सुन रखो कि जिस तरह समूद (ख़ुदा की बारगाह से) धुत्कारे गए उसी तरह अहले मदियन की भी धुत्कारी हुई