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Sura 11
Aya 93
93
وَيا قَومِ اعمَلوا عَلىٰ مَكانَتِكُم إِنّي عامِلٌ ۖ سَوفَ تَعلَمونَ مَن يَأتيهِ عَذابٌ يُخزيهِ وَمَن هُوَ كاذِبٌ ۖ وَارتَقِبوا إِنّي مَعَكُم رَقيبٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और ऐ मेरी क़ौम तुम अपनी जगह (जो चाहो) करो मैं भी (बजाए खुद) कुछ करता हू अनक़रीब ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि किस पर अज़ाब नाज़िल होता है जा उसको (लोगों की नज़रों में) रुसवा कर देगा और (ये भी मालूम हो जाएगा कि) कौन झूठा है तुम भी मुन्तिज़र रहो मैं भी तुम्हारे साथ इन्तेज़ार करता हूँ