77وَلَمّا جاءَت رُسُلُنا لوطًا سيءَ بِهِم وَضاقَ بِهِم ذَرعًا وَقالَ هٰذا يَومٌ عَصيبٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजो किसी तरह टल नहीं सकता और जब हमारे भेजे हुए फरिश्ते (लड़को की सूरत में) लूत के पास आए तो उनके ख्याल से रजीदा हुए और उनके आने से तंग दिल हो गए और कहने लगे कि ये (आज का दिन) सख्त मुसीबत का दिन है