68كَأَن لَم يَغنَوا فيها ۗ أَلا إِنَّ ثَمودَ كَفَروا رَبَّهُم ۗ أَلا بُعدًا لِثَمودَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ऐसे मर मिटे कि गोया उनमें कभी बसे ही न थे तो देखो क़ौमे समूद ने अपने परवरदिगार की नाफरमानी की और (सज़ा दी गई) सुन रखो कि क़ौमे समूद (उसकी बारगाह से) धुत्कारी हुईहै