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Sura 11
Aya 66
66
فَلَمّا جاءَ أَمرُنا نَجَّينا صالِحًا وَالَّذينَ آمَنوا مَعَهُ بِرَحمَةٍ مِنّا وَمِن خِزيِ يَومِئِذٍ ۗ إِنَّ رَبَّكَ هُوَ القَوِيُّ العَزيزُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

यही ख़ुदा का वायदा है जो कभी झूठा नहीं होता फिर जब हमारा (अज़ाब का) हुक्म आ पहुँचा तो हमने सालेह और उन लोगों को जो उसके साथ ईमान लाए थे अपनी मेहरबानी से नजात दी और उस दिन की रुसवाई से बचा लिया इसमें शक़ नहीं कि तेरा परवरदिगार ज़बरदस्त ग़ालिब है