64وَيا قَومِ هٰذِهِ ناقَةُ اللَّهِ لَكُم آيَةً فَذَروها تَأكُل في أَرضِ اللَّهِ وَلا تَمَسّوها بِسوءٍ فَيَأخُذَكُم عَذابٌ قَريبٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ मेरी क़ौम के लोगो! यह अल्लाह की ऊँटनी तुम्हारे लिए एक निशानी है। इसे छोड़ दो कि अल्लाह की धरती में खाए और इसे तकलीफ़ देने के लिए हाथ न लगाना अन्यथा समीपस्थ यातना तुम्हें आ लेगी।"