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Sura 11
Aya 63
63
قالَ يا قَومِ أَرَأَيتُم إِن كُنتُ عَلىٰ بَيِّنَةٍ مِن رَبّي وَآتاني مِنهُ رَحمَةً فَمَن يَنصُرُني مِنَ اللَّهِ إِن عَصَيتُهُ ۖ فَما تَزيدونَني غَيرَ تَخسيرٍ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगों! क्या तुमने सोचा? यदि मैं अपने रब के एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपनी ओर से दयालुता प्रदान की है, तो यदि मैं उसकी अवज्ञा करूँ तो अल्लाह के मुक़ाबले में कौन मेरी सहायता करेगा? तुम तो और अधिक घाटे में डाल देने के अतिरिक्त मेरे हक़ में और कोई अभिवृद्धि नहीं करोगे