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Sura 11
Aya 57
57
فَإِن تَوَلَّوا فَقَد أَبلَغتُكُم ما أُرسِلتُ بِهِ إِلَيكُم ۚ وَيَستَخلِفُ رَبّي قَومًا غَيرَكُم وَلا تَضُرّونَهُ شَيئًا ۚ إِنَّ رَبّي عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ حَفيظٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

इस पर भी अगर तुम उसके हुक्म से मुँह फेरे रहो तो जो हुक्म दे कर मैं तुम्हारे पास भेजा गया था उसे तो मैं यक़ीनन पहुँचा चुका और मेरा परवरदिगार (तुम्हारी नाफरमानी पर तुम्हें हलाक करें) तुम्हारे सिवा दूसरी क़ौम को तुम्हारा जानशीन करेगा और तुम उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते इसमें तो शक़ नहीं है कि मेरा परवरदिगार हर चीज़ का निगेहबान है