57فَإِن تَوَلَّوا فَقَد أَبلَغتُكُم ما أُرسِلتُ بِهِ إِلَيكُم ۚ وَيَستَخلِفُ رَبّي قَومًا غَيرَكُم وَلا تَضُرّونَهُ شَيئًا ۚ إِنَّ رَبّي عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ حَفيظٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकिन्तु यदि तुम मुँह मोड़ते हो तो जो कुछ देकर मुझे तुम्हारी ओर भेजा गया था, वह तो मैं तुम्हें पहुँचा ही चुका। मेरा रब तुम्हारे स्थान पर दूसरी किसी क़ौम को लाएगा और तुम उसका कुछ न बिगाड़ सकोगे। निस्संदेह मेरा रब हर चीज़ की देख-भाल कर रहा है।"